कृषि स्कीम में भी होगा 50 प्रतिशत SC-OBC कोटा.

सूक्ष्म सिंचाई योजना लागू होगी, एजेंसी को 3 से 5 साल तक मैंटेनेंस करना अनिवार्य होगा.

सिटी पोस्ट लाइव : बिहार के कृषि मंत्री कुमार सर्वजीत के अनुसार  अब कृषि विभाग की योजनाओं में कम से कम 50 प्रतिशत की हिस्सेदारी पिछड़ा, अति पिछड़ा और एससी वर्ग के छोटे किसानों को मिलेगी. नई नियमावली के आधार पर सूक्ष्म सिंचाई योजना लागू होगी, जिसके आधार पर संबंधित एजेंसी को 3 से 5 साल तक मैंटेनेंस करना अनिवार्य होगा. गुरुवार को प्रति बूंद अधिक फसल विषय पर आयोजित कार्यशाला का उद्घाटन करते कृषि मंत्री कुमार सर्वजीत ने यह घोषणा की.

कृषि मंत्री ने कहा कि पहले सूक्ष्म सिंचाई योजना में पाइप बिछा दी जाती है, फिर बोरिंग की योजना दी जाती है. अब ऐसा नहीं चलेगा. अब पहले बोरिंग की योजना दी जाएगी. स्प्रिंकलर आदि की मरम्मत की तिथि भी पोर्टल पर दिखेगी. संबंधित एजेंसी या कंपनी को टॉल फ्री नंबर भी जारी करना होगा. समय-समय पर जांच होगी और गड़बड़ी करने वाली एजेंसियों को काली सूची में डालेंगे.मंत्री के अनुसार 19674 एकड़ में गत 4 वर्षों में ड्रिप सिंचाई यंत्र लगाए गए.2479 एकड़ में वर्ष 2019-23 में पोर्टेबल स्प्रिंकलर लगी.

कृषि मंत्री ने कहा कि मैंने खुद 10 जिलों में देखा है कि खेतों में सूक्ष्म सिंचाई के लिए लगी स्प्रिंकलर बंद है. एजेंसी को लोकल स्तर पर मैकेनिक को प्रशिक्षित कर रखना चाहिए. किसान जब गड़बड़ी की शिकायत करते हैं तो जवाब देते नहीं बनता है. मैंने देखा है कि विभाग की पूरी योजना बड़े किसानों को ही मिल रही है. छोटे किसान इससे वंचित हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि मैं प्रोडक्शन इंजीनियर रह चुका हूं इसलिए मशीन कैसे काम करती है, जानता हूं. एजेंसी फायदा ले, लेकिन हर हाल में गरीबों का काम करें.

मंत्री ने कहा कि सूक्ष्म सिंचाई पद्धति से 60% जल की बचत होती है. 25-30% उर्वरक की खपत में कमी, 30-35% लागत में कमी तथा 25-35% अधिक उत्पादन के साथ-साथ बेहतर गुणवत्ता के फसल का उत्पादन होता है. सूक्ष्म सिंचाई के तहत ड्रिप सिंचाई पद्धति, मिनी एवं माइक्रो स्प्रिंकलर के अतिरिक्त पोर्टेबल स्प्रिंकलर सिंचाई पद्धति है. सभी श्रेणी के किसानों को अतिरिक्त टाॅप-अप राशि देते हुए 90% अनुदान उपलब्ध कराया जा रहा है.

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