कैबिनेट का फैसला, बिहार में होगी 1.78 लाख शिक्षकों की बहाली.

सिटी पोस्ट लाइव : बिहार में बड़े पैमाने पर शिक्षकों की बहाली होनेवाली है.राज्य सरकार बिहार राज्य विद्यालय अध्यापक (नियुक्ति, स्थानांतरण, अनुशासनिक कार्रवाई एवं सेवाशर्त) नियमावली- 2023 में किए गए प्रावधानों के तहत शिक्षकों की बहाली कने जा रही है. राज्य के सरकारी स्कूलों में कक्षा 1 से 12वीं तक की पढ़ाई के लिए 1.78 लाख से अधिक शिक्षकों की बहाली करेगी.मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में इस प्रस्ताव को स्वीकृति दी गई. बैठक में कुल 18 प्रस्ताव स्वीकृत किए गए. सरकार इसके अलावा पंचायतीराज विभाग में लेखपाल के 6570 पदों पर भी बहाली करेगी.

मंत्रिमंडल की बैठक के बाद कैबिनेट के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ ने बताया कि कक्षा 1 से 12वीं तक के शिक्षकों की बहाली बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) के माध्यम से होगी। शिक्षकों के वेतन व अन्य भत्तों से प्रति वर्ष करीब 11 हजार करोड़ का अतिरिक्त भार आएगा.सिद्धार्थ ने बताया कि कक्षा एक से पांच तक के लिए 85477 पदों का सृजन किया गया है. जबकि कक्षा छः से आठ के लिए 1745 पद सृजित किए गए हैं. इसके अतिरिक्त कक्षा 9-10 के लिए 33186 शिक्षक और 11- 12 के लिए 57618 शिक्षक बहाल किए जाएंगे.

सरकार ने शिक्षकों के लिए अलग-अलग वेतनमान निर्धारित किया है. कक्षा 1 से 5 के शिक्षकों को ₹44180 ग्रॉस वेतन मिलेगा. कक्षा 6 से 8 के शिक्षकों को ग्रॉस वेतन के रूप में ₹49050 मिलेगें.8वीं से 10वीं तक के शिक्षकों को ग्रॉस वेतन के रूप में ₹53970 और 11वीं 12वीं के शिक्षकों को ₹55610 ग्रॉस वेतन के रूप में दिए जाएंगे.डॉक्टर सिद्धार्थ ने बताया कि पंचायती राज विभाग की विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए पूर्व में लेखापाल से 2096 पद स्वीकृत थे. पंचायती राज विभाग के बढ़ते कार्यों को देखते हुए संविदा आधारित 6570 रिक्त पद सृजित किए गए हैं जो लेखापाल के होंगे.

राज्य मंत्रिमंडल ने परिवहन विभाग के प्रस्ताव पर चर्चा के बाद गया नगर निगम एवं मुजफ्फरपुर नगर निगम क्षेत्र में बढ़ते वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए दोनों नगर निगम क्षेत्रों में 15 वर्षों से अधिक पुराने सभी प्रकार के व्यवसायिक वाहनों के परिचालन पर 1 अक्टूबर 2023 के प्रभाव से रोक लगाने का प्रस्ताव भी स्वीकृत किया है.मुजफ्फरपुर और गया के साथ ही पटना नगर निगम क्षेत्र में 15 वर्ष से अधिक पुराने तीन पहिया डीजल व्यावसायिक वाहनों को बैटरी, सीएनजी या पेट्रोल में अपग्रेड करने के लिए सरकार ने अनुदान देने का प्रस्ताव भी स्वीकृत किया है। अनुदान की राशि 20 हजार से 40 हजार रुपये होगी.

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