सिटी पोस्ट लाइव :RJD का साथ छोड़कर जब नीतीश कुमार ने इस साल फ़रवरी में बीजेपी के साथ NDA सरकार बनाई तो उसे अस्थिर करने के लिए जमकर हॉर्स ट्रेडिंग हुई.इस मामले की जांच कर रही आर्थिक अपराध इकाई के अनुसार NDA सरकार के विश्वासमत से पहले इस साल फरवरी में एनडीए विधायकों को मंत्री पद और दस-दस करोड़ रुपये का प्रलोभन देकर महागठबंधन के पाले में लाने के लिए अवैध रूप से वित्तीय लेन-देन के साक्ष्य मिले हैं.आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) ने अपनी प्रारंभिक जांच पूरी कर ली है.इसमें दिल्ली, उत्तरप्रदेश, झारखंड और नेपाल से विधायकों को पैसे का प्रलोभन दिए जाने की बात सामने आई है.
महागठबंधन की सरकार बनने पर समर्थन देने वाले विधायकों को अवैध धन उपलब्ध कराना था.इस वित्तीय लेन-देन और मनी लांड्रिंग की जांच प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के स्तर से भी की जा रही है. ईओयू के डीआइजी मानवजीत सिंह ढिल्लो ने बताया कि इस मामले में दो बिंदुओं पर जांच हो रही है. ईओयू आपराधिक साजिश के बिंदु पर जांच में जुटी है. ईडी वित्तीय लेन-देन और मनी लांड्रिंग के बिंदुओं पर साक्ष्य जुटा रही है.गौरतलब है कि सरकार गिराने के इस खेल में जेडीयू के लगभग आधा दर्जन विधयक भी शामिल थे.अब इस जांच के बाद उनके ऊपर गाज गिर सकती है.