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पटना: बिहार के शिक्षा विभाग ने सरकारी स्कूलों की व्यवस्था दुरुस्त रखने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। आज से राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में औचक निरीक्षण का सिलसिला शुरू हो जाएगा। यह कदम राज्य में शिक्षा व्यवस्था की गिरती गुणवत्ता और अधिकारियों की मिलीभगत के खिलाफ उठाया गया है। अपर मुख्य सचिव ने कल सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों और निरीक्षण अधिकारियों को कठोर चेतावनी दी थी कि अगर उन्होंने व्यवस्था में सुधार नहीं किया तो उनके खिलाफ बर्खास्तगी का आदेश जारी किया जाएगा।
अपर मुख्य सचिव ने अपने पत्र में स्पष्ट कहा था कि स्कूलों में पूरी तरह से अधिकारियों की मिलीभगत हो चुकी है। शिक्षक 9:00 बजे के बाद स्कूल में हाजिरी लगाकर फरार हो जा रहे हैं, और कोई देखरेख नहीं कर रहा। साथ ही, फर्जी अटेंडेंस बनाई जा रही हैं, जिनकी कोई जांच नहीं हो रही है। इस पर गंभीर नाराजगी व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा, “यह स्थिति अस्वीकार्य है।”
अपर मुख्य सचिव यहीं नहीं रुके। उन्होंने यह भी कहा कि निरीक्षण करने वाले अधिकारियों की पूरी मिलीभगत को देखते हुए, अब इन अधिकारियों के खिलाफ बर्खास्तगी का आदेश देना अनिवार्य हो गया है। अपर मुख्य सचिव ने साफ तौर पर चेतावनी दी, “अगर हालात नहीं सुधरे तो शिक्षा विभाग के अधिकारियों को जाने के लिए तैयार रहना होगा,”। उनके पत्र ने शिक्षा विभाग के बिगड़ते सिस्टम की पूरी पोल खोल दी है, जो अब गंभीर सवालों के घेरे में है।