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पटना: आज बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) के अध्यक्ष व बिहार लोकसभा आयोग के अध्यक्ष के बीच 2 घंटे से अधिक समय तक चली बैठक के बाद अभ्यर्थियों का कहना है कि उनकी दो मुख्य मांगों पर चर्चा की गई।
बैठक के बाद जब अभ्यर्थी बाहर निकले, तो उन्होंने मीडिया से बातचीत में बताया कि उनकी पहली मांग थी कि जिन अभ्यर्थियों का फॉर्म सर्वर समस्या या अन्य कारणों से नहीं भर पाया, उन्हें फिर से फॉर्म भरने का मौका दिया जाए। दूसरी मांग थी कि कई अभ्यर्थी घायल हैं और परीक्षा में सम्मिलित नहीं हो सकते, इस पर आयोग को कुछ सोचना चाहिए।
इस पर आयोग के अध्यक्ष ने अभ्यर्थियों को आश्वस्त करते हुए कहा कि परीक्षा की तारीख बहुत नजदीक है, लेकिन फिर भी वे इन दोनों मुद्दों पर विचार करेंगे और उचित कदम उठाएंगे। उन्होंने कहा, “मैं पूरी तरह से इन मुद्दों को देख रहा हूं और जल्द ही इस पर विचार कर कुछ निर्णय लूंगा।”
वहीं बैठक के बाद बाहर आई एक महिला अभ्यर्थी ने कहा कि आयोग ने कोई स्पष्ट उत्तर नहीं दिया, लेकिन यह कहा कि वे पूरे मामले पर विचार करेंगे। महिला अभ्यर्थी ने यह भी कहा कि आयोग का तर्क था कि 80,000 अभ्यर्थियों के लिए उन्हें चार लाख लोगों को परेशान नहीं करना चाहिए, लेकिन फिर भी उन्होंने पूरी स्थिति पर विचार करने का आश्वासन दिया।
दूसरी ओर, डेलिगेशन के दो सदस्य यह बताते हुए बाहर आए कि आयोग ने पूरी प्रक्रिया पर विचार करने की बात कही, लेकिन कोई ठोस निर्णय नहीं लिया। इस बैठक के बाद अभ्यर्थियों में कुछ उम्मीदें जगी हैं, लेकिन अब सभी की निगाहें आयोग के अंतिम निर्णय पर हैं।