City Post Live
NEWS 24x7

नसबंदी के बाद महिला को हुए 3 बच्चे, मुवावजे की मांग.

-sponsored-

- Sponsored -

-sponsored-

सिटी पोस्ट लाइव : अगर नसबंदी के वावजूद बच्चा पैदा हो जाए तो इसे आप क्या कहेगें? कुदरत का करिश्मा या परिवार नियोजन अभियान की बिफलाता. मुजफ्फरपुर में एक ऐसा ही मामला सामने आया है.एक महिला को परिवार नियोजन के लिए नसबंदी कराने के बाद भी तीन और बच्चे हो गए. गायघाट थाना क्षेत्र के केवटसा की रहने वाले नीरज सिंह की पत्नी जूली कुमारी ने साल 2015 में नसबंदी करवाई थी. नसबंदी होने के बाद भी उसने दो बच्चों को जन्म दिया. परिवार नियोजन होने के बाद जूली फिर से गर्भवती हो गई. इस बात से हैरान और परेशान दंपति सिविल सर्जन के पास नसबंदी में गड़बड़ी की शिकायत लेकर पहुंचा.

 

 जुली की नसबंदी 2015 को गायघाट के सरकारी अस्पताल में हुई थी. नसबंदी ऑपरेशन होने के बावजूद भी गर्भ ठहर गया. गर्भ का पता चलने पर परिजन ने तत्कालीन सिविल सर्जन के पास शिकायत दर्ज कराई और मुआवजे की मांग की. उसकी सुनवाई के दौरान जुली ने दो बच्चों को जन्म भी दिया. जूली की शादी करीब 20 साल पहले हुई थी, जिसके बाद उसे 4 बच्चे हुए.इसकी जानकारी उसने तत्कालीन जिलाधिकारी को दी. जिलाधिकारी ने जांच का आदेश सिविल सर्जन को दिया और जांच के क्रम में ही 2018 और 2020 में अलग-अलग संतान को जन्म दी. इस बीच उसकी पत्नी को तत्कालीन सिविल सर्जन के द्वारा 6 हजार रुपये मुआवजा की राशि भी दी गई.

 

परिवार नियोजन में बच्चों के बीच गैप रखने वाला इंजेक्शन अंतरा का लगाया गया. अंतरा इंजेक्शन लगने के बाद उल्टी होने की शिकायत होने पर जांच करायी, तो पता चला कि वह गर्भवती है. वहीं अब पूरे मामला सामने आने के बाद सिविल सर्जन रेहान अशरफ का कहना है कि उन्हें इसके बारे में जानकारी नहीं है. डीपीएम को मामले की जांच के लिए कहा गया है, क्योंकि यह नसबंदी फेल उनके समय का नहीं है. टीम बना कर मामले कि जांच कराई जाएगी.

-sponsored-

- Sponsored -

Subscribe to our newsletter
Sign up here to get the latest news, updates and special offers delivered directly to your inbox.
You can unsubscribe at any time

-sponsored-

Comments are closed.