सिटी पोस्ट लाइव : बिहार में नशीले पदार्थों की तस्करी के लिए तस्करों को ट्रेन अब सेफ जरिया लगने लगा है. शुक्रवार को छपरा जंक्शन से करीब दो करोड़ मूल्य की नशीली दवा पार्सल के माध्यम से बुक करके यूपी भेजी गयी थी. बीते महीने कोकीन तक एक एक्सप्रेस ट्रेन की एसी बोगी से बरामद हुए थे.छपरा जंक्शन से नशीली दवाओं का कारोबार पार्सल के माध्यम से हुआ है. इसका खुलासा तब हुआ जब शुक्रवार को छपरा से लखनऊ जाने वाली लखनऊ एक्सप्रेस से करीब दो करोड़ रुपए मूल्य की ऑक्सीटोसिन नशीली सूई बरामद की गयी. चारबाग स्टेशन पर चेकिंग के क्रम में यह खेप पकड़ाया.
इन दवाओं को छपरा जंक्शन के पार्सल कार्यालय से बुक किया गया था. नगर थाना क्षेत्र के बड़ा तेलपा के रहने वाले संतोष कुमार के द्वारा इसे बुक करके भेजा गया था. चारबाग स्टेशन पर ट्रेन के पहुंचने के साथ ही माफिया भी सक्रिय थे. पुलिस की भनक लगने पर 38 में 5 कार्टन नशीली दवा लेकर माफिया फरार हो गए. बाकी बचे कार्टन को जब्त किया गया.अब जो सवाल जांच के दायरे में है वो यह है कि आखिर इतनी बड़ी मात्रा में यह ऑक्सीटोसिन नशीली सूई छपरा जंक्शन के पार्सल कार्यालय से बुक कैसे हुई. आखिरकार इतनी बड़ी खेप को बिना जांच किए ही लखनऊ कैसे भेज दिया गया. क्या जांच के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की गयी, या फिर इसे रेलकर्मियों की मिलीभगत से भेजा गया. इसे लेकर सुरक्षा एजेंसी के रडार पर कई अधिकारी व कर्मी हैं.
पिछले महीने मुजफ्फरपुर में ट्रेन में 1 किलो से अधिक मात्रा में कोकीन के साथ ट्रेन का ही बेडरोल कर्मी पकड़ाया था. जिसके बाद इसका खुलासा हुआ था कि किस तरह फर्स्ट एसी के अंदर ड्यूटी कर रहे कर्मी को जरिया बनाकर नशे के खेप की तस्करी की जाती है. आरा जिले के रहने वाला उक्त बेडरोल कर्मी एक्सप्रेस ट्रेन के एसी-वन कोच में बेडरोल के नीचे छिपाकर कोकीन यूपी ले जा रहा था. उसे यूपी में ये कोकीन पहुंचाने दिया गया था.