सिटी पोस्ट लाइव : जॉलीवुड इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के जालसाजी को लेकर बिहार में हडकंप मच गया है.जमालपुर में जॉलीवुड इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड कंपनी ने अमीर बनने का सपना दिखाकर 5000 से अधिक लोगों को लूट लिया है.खबर के अनुसार 1 अरब रुपये की ठगी कंपनी ने कर दी है. कंपनी का सीएमडी पूरे परिवार के साथ फरार हो गया है. पीड़ितों ने कंपनी के चेयरमैन निदेशक सहायक निदेशक ड्राइवर गार्ड सॉफ्टवेयर इंजीनियर सहित अन्य को आरोपित बनाया है. पुलिस ने मामले में एक आरोपित कर्मी को गिरफ्तार किया है.
पुलिस को दिए गए आवेदन के अनुसार कंपनी के सीएमडी ने मुंगेर, जमुई, बांका, खगड़िया व बेगूसराय सहित अन्य जिलों के पांच हजार युवाओं से डेढ़ से दो लाख की ठगी की गई है.सोमवार को ठगी के शिकार हुए मुंगेर के मुफ्फसिल थाना क्षेत्र के वारकपुर निवासी मु. तालीब, रवि कुमार रंज, अमन कुमार, अजीत कुमार, सानू, पिंटू, मुहम्मद तालिब, सुमित कुमार, प्रियांशु कुमार, गायत्री देवी, अरविंद कुमार साह, रवि गुप्ता, दयानंद, सीता देवी सहित जमालपुर व मुंगेर के 82 पीड़ितों ने थाना पहुंचकर केस किया.पीड़ितों ने चेयरमैन जितेंद्र कुमार, निदेशक संतोष कुमार, सहायक निदेशक संजीव कुमार, ड्राइवर निरंजन कुमार, गार्ड जयवर्धन तांती, साफ्टवेयर इंजीनियर धीरज कुमार, राजा कुमार सहित अन्य को आरोपित बनाया है. थानाध्यक्ष राजेश कुमार ने बताया कि पुलिस ने केस कर मामले की जांच शुरू कर दी है.
आदर्श थाना जमालपुर क्षेत्र के नया टोला फुलका का जितेंद्र कुमार राजीव पिछले चार वर्षों से जालीवुड इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड का कार्यालय खोले हुए था. उसके सहयोग में धरहरा का सारोबाग निवासी संतोष कुमार निदेशक था.सारोबाग के ही सहायक निदेशक राजीव कुमार व नयाटोला फुलका निवासी ड्राइवर प्रियंरजन कुमार, गार्ड जयवर्धन तांती, सॉफ्टवेयर इंजीनियर धीरज कुमार, राजा कुमार सहित अन्य ने यूनिवर्सल जोन (इन्वेस्टर) के माध्यम से सूबे के हजारों बेरोजगरों को जोड़ा था.हर एक से करीब दो से ढाई लाख रुपये से अधिक की राशि ली गई थी. चार दिन पहले बैठक में राशि लौटाने की मांग सभी लोग करने लगे. इसके बाद आरोपित फरार हो गया.
पीड़ितों ने बताया कि सभी को एक आइडी दी गई थी. एक व्यक्ति से दो लाख 50 हजार पांच सौ रुपये लिए जाते थे. मुंगेर के मु. तालिब ने अपने परिवार के करीब 20 लोगों को जोड़ा था तथा करीब 50 लाख जमा किए थे. मकान मालिक अरविंद साव ने बताया कि चार माह से किराया बकाया था. उन्होंने भी कई लोगों को जोड़कर 40 लाख कंपनी में जमा करवाए थे. सदर बाजार के बबलू ने लगभग सवा करोड़ राशि जमा की थी.पीड़ितों ने बताया कि किसी को साल भर से तो किसी को सात-आठ माह से 10 से 15 हजार रुपये मासिक दिए जाते थे. कंपनी से जुड़े लोगों के परिवार के सदस्यों के निधन पर तत्काल 10 हजार की सहायता और आजीवन 500 रुपये पेंशन दी जाती थी. आरोपित चेयरमैन ने कंपनी को कुछ इस तरह सजाया था कि हर कोई प्रभावित हो. कंपनी से जुड़े लगभग 50 से 60 लोगों को किस्त पर बाइक दिलाई थी। 10 से 12 लोगों को चारपहिया वाहन खरीदकर दिया था.