सिटी पोस्ट लाइव : विधान सभा चुनाव से पहले लालू परिवार का संकट गह्रानेवाला है.लैंड फॉर जॉब घोटाले में 30 अधिकारियों पर मुकदमा चलाने की मंजूरी जांच एजेंसी को मिल गई है.लालू प्रसाद यादव राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव भी इस मामले में आरोपी हैं. लालू प्रसाद के रेल मंत्रित्व काल में हुए जमीन के बदले नौकरी घोटाले में दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने दस्तावेजों को रिकार्ड पर लेते हुए केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को 23 दिसंबर तक अधिकारियों पर मुकदमा चलाने की मंजूरी आदेश जमा करने के निर्देश दिए हैं.
केंद्रीय जांच एजेंसी ने करीब दो वर्ष पूर्व 18 मई 2022 को लालू प्रसाद के साथ ही उनकी पत्नी पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, दो पुत्रियों हेमा यादव और मीसा भारती के साथ ही अज्ञात सरकारी अधिकारियों और निजी व्यक्तियों समेत 15 अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया था.इसके बाद सात जून को जमीन के बदले नौकरी प्रकरण में सीबीआई ने लालू प्रसाद समेत 77 अन्य आरोपितों के खिलाफ निर्णायक आरोप पत्र दाखिल किया था.मंगलवार को कोर्ट में सीबीआई की ओर से कोर्ट को जानकारी दी गई कि जमीन के बदले नौकरी घोटाले में 30 अधिकारियों पर मुकदमा चलाने के लिए जांच एजेंसी ने आवश्यक मंजूरी प्राप्त कर ली है. जबकि एक अधिकारी के खिलाफ मुकदमा प्रारंभ करने की अनुमति मिलनी शेष है.सीबीआई ने कोर्ट को 20 सितंबर को जानकारी दी थी कि लैंड फॉर जाब मामले में लालू प्रसाद पर मुकदमा चलाने की अनुमति सक्षम प्राधिकार से प्राप्त की जा चुकी है. लैड फॉर जा मामला राजद प्रमुख लालू प्रसाद के 2004 से 2009 के बीच रेल मंत्री रहने के दौरान हुआ था.
लालू प्रसाद ने बिना विज्ञापन प्रकाशित कराए काफी संख्या में रेलवे में ग्रुप डी में नौकरियां दी थी इसके एवज में उनकी जमीन लालू ने अपने परिवार के नाम लिखवा ली थी. दरअसल 29 मई को कोर्ट ने सीबीआई को निर्देश दिया था कि इस मामले में जल्द अंतिम चार्जशीट दाखिल करे.अदालत ने समय दिए जाने के बावजूद अंतिम चार्जशीट दाखिल न किए जाने पर नाराजगी भी जताई थी. सीबीआई ने जमीन के बदले नौकरी मामले में पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद के साथ ही उनकी पत्नी राबड़ी देवी और पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को भी आरोपी बनाया है.चार अक्टूबर 2023 को कोर्ट ने लालू प्रसाद यादव, तेजस्वी यादव, राबड़ी देवी और अन्य को जमीन के बदले नौकरी घोटाला मामले में नई चार्जशीट के संबंध में जमानत दे दी थी.