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नीतीश कुमार के काबू में नहीं हैं शिक्षा मंत्री !

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सिटी पोस्ट लाइव : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बीजेपी के साथ डेढ़ दशक तक सरकार चलाने के वावजूद अपने सेक्युलर  क्रेडेंशियल को बनाए रखा सभी धर्मों को सम्मान देने की बात हो तो नीतीश कुमार ने वोट की राजनीति से दूर रह कर कम जनसंख्या वाले सिख धर्म और बौद्ध धर्म को जो सम्मान दिया, वह आज इतिहास बन चुका है. पर राम मंदिर के उद्घाटन का समय जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है, परस्पर विरोध और समर्थन की राजनीति में बयानों की झड़ी फिर लगने लगी है. वह भी तब, जब नीतीश कुमार ने रामायण पर की गई नकारात्मक टिप्पणी पर संज्ञान लिया और सभी धर्म के सम्मान की बात की थी.

 

 एक बार फिर राम मंदिर और सनातन धर्म पर हमला तेज हो गया है. इस बार राम भक्तों को आड़े हाथों लेते राज्य के शिक्षा मंत्री प्रो चंद्रशेखर यादव ने काफी खरी खोटी सुना दी. इनके बयान के समर्थन और विरोध में राज्य की राजनीति एक बार फिर गर्म हो गई है.बिहार के शिक्षा मंत्री का प्रो चंद्रशेखर ने साफ कहा कि ‘राम मंदिर गुलामी का रास्ता है. राम हम सभी के भीतर निवास करते हैं. उन्हें बाहर ढूंढने की जरूरत नहीं है. जिस स्थान को भगवान राम के लिए आवंटित किया गया है, उसका वहां दोहन हो रहा है. समाज के साजिशकर्ता रामजन्मभूमि का इस्तेमाल अपनी जेबों को भरने के लिए कर रहे हैं. आज जरूरत अति हिंदुवाद और अति राष्ट्रवाद से बचने की है. उन्होंने राजद नेता और विधायक फतेह बहादुर सिंह के बयान का भी समर्थन किया.

 

इसके पहले जब शिक्षा मंत्री प्रो. चंद्रशेखर ने नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी के 15वें दीक्षांत समारोह में छात्रों को संबोधित करते हुए कहा था, ‘मनुस्मृति में समाज की 85 फीसदी आबादी वाले बड़े तबके के खिलाफ गालियां दी गईं. रामचरितमानस के उत्तर कांड में लिखा है कि नीच जाति के लोग शिक्षा ग्रहण करने के बाद सांप की तरह जहरीले हो जाते हैं. यह नफरत को बोने वाले ग्रंथ हैं. एक युग में मनुस्मृति, दूसरे युग में रामचरितमानस, तीसरे युग में गुरु गोलवलकर का बैंच ऑफ थॉट, ये सभी देश व समाज को नफरत में बांटते हैं. नफरत देश को कभी महान नहीं बनाएगी.

 

तब बिहार के शिक्षा मंत्री प्रो. चंद्रशेखर के बयान पर सीएम नीतीश कुमार ने कहा था कि किसी भी धर्म के बारे में बयान देना, उस पर टिप्पणी करना बिल्कुल गलत है. धर्म के मामले में किसी को हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए. सब अपने तरीके से धर्म का पालन करते हैं. सभी धर्म का पालन करने वालों को इज्जत मिलनी चाहिए, जिसको जिनकी पूजा करनी है, करे.

 

बहरहाल, बार-बार रामरामचरित मानस और सनातन धर्म पर गठबंधन दल के साथी राजद के हमले को नीतीश कुमार की घटती ‘यूएसपी’ को लेकर चर्चा होने लगी है.शिक्षा मंत्री प्रो चंद्रशेखर न संविधान का पालन कर रहे हैं और न ही गठबंधन का, न संविधान में धर्मनिरपेक्षता की शपथ लेते हैं, फिर भी हिंदू धर्म पर कटाक्ष किए जा रहे हैं. गठबंधन धर्म का पालन भी नहीं कर रहे हैं. क्या इसकी वजह में भाजपा का आरोप सही है कि नीतीश कुमार मजबूत नहीं मजबूर मुख्यमंत्री हैं.

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