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नोएडा: नोएडा के किसान आज दिल्ली की ओर बढ़े हैं, और उन्हें रोकने के लिए भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। किसानों ने नोएडा के दलित प्रेरणा स्थल पर लगाए गए बैरिकेड्स को तोड़कर आगे बढ़ने की कोशिश की। इस दौरान, नोएडा और ग्रेटर नोएडा के बीच सड़क को जाम कर दिया गया था। बॉर्डर पर पुलिस का बड़ा दल तैनात है, और कुछ किसान कंटेनर पर चढ़कर प्रदर्शन कर रहे हैं। किसान आंदोलन के कारण चिल्ला बॉर्डर पर सुबह ट्रैफिक जाम देखा गया। पुलिस ने एक एडवाइजरी जारी की है, जिसमें लोगों से मेट्रो का अधिक उपयोग करने की अपील की गई है। भारतीय किसान परिषद (बीकेपी) के नेता सुखबीर खलीफा ने कहा कि वे दिल्ली की ओर बढ़ रहे हैं, जहां वे नए कृषि कानूनों के खिलाफ उचित मुआवजा और बेहतर लाभ की मांग करेंगे।
किसानों को रोकने के लिए पूरी तरह से तैयार पुलिस
दिल्ली-यूपी चिल्ला बॉर्डर पर पुलिस और आरएएफ दल की तैनाती की गई है। डीसीपी पूर्वी दिल्ली, अपूर्व गुप्ता ने बताया कि कुछ किसान संगठनों ने दिल्ली कूच करने की घोषणा की थी, जिसे ध्यान में रखते हुए पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी है। संसद सत्र चलने के कारण उन्हें दिल्ली में प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई है। पुलिस यह सुनिश्चित करने के लिए तत्पर है कि किसी भी तरह की कानून-व्यवस्था की समस्या उत्पन्न न हो और ट्रैफिक पर असर न पड़े। दिल्ली-यूपी की सभी प्रमुख सीमाओं पर पुलिस बल तैनात है।
किसानों का मार्च कहां से शुरू हुआ?
रविवार को सुखबीर खलीफा ने कहा कि वे दिल्ली की ओर मार्च के लिए तैयार हैं। उनका मार्च नोएडा के महामाया फ्लाईओवर के नीचे से शुरू होगा और दोपहर तक वे दिल्ली पहुंचने की कोशिश करेंगे। उनका मुख्य उद्देश्य नए कृषि कानूनों के तहत मुआवजे और लाभ की मांग करना है।
6 दिसंबर को और दो संगठन निकालेंगे मार्च
बीकेपी का यह मार्च किसान मजदूर मोर्चा (केएमएम) और संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) द्वारा किए जा रहे विरोध प्रदर्शनों से अलग है। इन संगठनों के सदस्य 6 दिसंबर से दिल्ली की ओर मार्च शुरू करेंगे। इसके अलावा, केरल, उत्तराखंड और तमिलनाडु के किसान संगठन भी उसी दिन संबंधित विधानसभाओं की ओर प्रतीकात्मक मार्च की योजना बना रहे हैं।
शंभू और खनौरी सीमा पर बैठे किसान
किसान मजदूर संघर्ष समिति (केएमएससी) के महासचिव सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि शंभू सीमा (पंजाब-हरियाणा सीमा) पर विरोध कर रहे किसान 6 दिसंबर को अन्य किसानों के साथ दिल्ली की ओर बढ़ने के लिए निकलेंगे। ये किसान 13 फरवरी से शंभू और खनौरी सीमा पर बैठे हुए हैं, और दिल्ली की ओर मार्च करने की उनकी कोशिश को राजधानी की सीमाओं पर तैनात सुरक्षा बलों ने रोका था।