सिटी पोस्ट लाइव : आईएएस पदाधिकारी संजीव हंस को लेकर Ed की जांच में अभी तक का सबसे बड़ा खुलासा हुआ है.. कई आलीशान बिल्डिंग कई रिसोर्ट के साथ-साथ कई करोड़ की संपत्ति का खुलासा हो गया है. संजीव हंस जिस दिन डिपार्टमेंट में रहे वहां उन्होंने बिचौलिया के साथ मिलकर बिजोलिया को फायदा दिया और उसके बदले उन्होंने काफी फायदे लिए. ED के आधिकारिक सूत्रों से मिली बड़ी जानकारी . संजीव हंस ने मोहाली और कसौली में खरीद रखी है करोड़ों की बेनामी संपत्ति. *पंजाब के मोहाली में जमीन का बड़ा प्लॉट और हिमाचल के कसौली में चार आलीशान विला खरीदी रखा है संजीव हंस ने*मोहाली के IT सिटी के सेक्टर 101/A में 500 वर्ग यार्ड क्षेत्रफल का एक व्यवसायिक प्लॉट खरीद रखा है संजीव हंस ने जो बेनामी संपत्ति बताया गया है.
जमीन के इस टुकड़े को पंचकुला के प्रोपर्टी डीलर जतिंदर कुमार सांगरी के माध्यम से कमल कांत गुप्ता के नाम पर 31 अगस्त 2020 को 92 लाख 50 हजार रुपये में खरीदी गई थी . कमलकांत गुप्ता के नाम से खरीदी गई इस संपत्ति की पूरी राशि का भुगतान संजीव हंस की पत्नी ने ही किया था . ED की जांच में यह बात सामने आई कि संजीव हंस की पत्नी हरलोविलीन कौर ने चेक से 92.50 लाख और 10 लाख रुपये 24 अगस्त 2020 को जतिंदर कुमार सांगरी के खाते में जमा कराए थे. संजीव हंस ने अपने पिता लक्ष्मण दास हंस और साले गुर सरताज सिंह के नाम पर हिमाचल की कसौली में ग्लेनव्यू रिसॉर्ट में दो विला खरीदी थी . लक्ष्मण दास हंस ने इसके लिए 1 करोड़ 5 लाख और गुर सरताज सिंह ने 1 करोड़ 20 लाख रुपये दिए थे . प्रत्येक विला की कीमत 2 करोड़ 50 लाख रुपये है .
पटना स्थित संजीव हंस के आवास पर छापेमारी के दौरान कसौली के बिल्डर के नाम पर 50 लाख रुपये का एक चेक बरामद हुआ था जिस पर उनके पिता के हस्ताक्षर थे . इस विला की पूरी डील कमलकांत गुप्ता ने कराई थी . ED की जांच में इस बात के पुख्ता प्रमाण मिले हैं कि ये चारों विला संजीव हंस की ही बेनामी संपत्ति है .
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