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बिहार में फिर से होने लगी है धांय-धांय-ठांय-ठांय ….

90 के दशक के बिहार की याद ताजा, दो महीने में 200 से ज्यादा फायरिंग की हो चुकी है वारदातें.

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सिटी पोस्ट लाइव : एक बार फिर से बिहार में ठांय-ठांय , धांय-धांय  हो रही है..कोर्ट कचहरी ,गांव –शहर  शहर  हर जगह बात बात में बात-बात में ठांय-ठांय – धांय-धांय हो रही है. सड़क पर, घर के बाहर-भीतर ,रेस्टोरेंट , दुकान, बर्थडे पार्टी, अस्पताल  से लेकर कोर्ट कचहरी में फायरिंग हो रही है. कब कौन निशाना बन जाए, कोई ठिकाना नहीं.फिर से बिहार बंदूक के साए में दिखाई देने लगा है. यहां फैसला बंदूक के बल पर हो रहा है.सबसे ख़ास बात  अपराधी सेना और पुलिस को सप्लाई होने वाले 9 MM के कारतूस और मॉडर्न विदेशी हथियारों का इस्तेमाल कर रहे हैं.

बिहार में पिछले दो  महीने में सैकड़ों फायरिंग की घटनाएं हो रही हैं. पटना के  पाटलिपुत्रा में बीच सड़क पर पूर्व मुखिया और पार्षद पति नीलेश की गोली मारकर हत्या कर दी गई. राजधानी के पॉश इलाके में हुई गोलीबारी की इस घटना ने 90 के दशक की याद ताजा कर दी.19 अगस्त 2023 की रात 8 बजे  मुजफ्फरपुर के भगवानपुर रेवा रोड पर द एस आर ग्रैंड रेस्टोरेंट में बर्थ डे पार्टी में गोली चलने लगी.लोगों ने कुर्सी टेबल के नीचे छिपकर किसी तरह जान बचाई. इसके पहले 21 जुलाई 2023 की रात मुजफ्फरपुर में अपराधियों ने नगर थाना क्षेत्र में प्रॉपर्टी डीलर आशुतोष शाही की हत्या उनके  घर में घुसकर कर दी.मुजफ्फरपुर में प्रॉपर्टी डीलर और गार्ड की हत्या में अपराधियों ने सेना और पुलिस को सप्लाई होने वाले कारतूस का इस्तेमाल किया था.

केवल नेता और आम लोग ही अपराधियों के निहाने पर नहीं हैं.कोर्ट कचहरी में भी सरेआम हमला हो रहा है.4 सितंबर को पटना सिविल कोर्ट में पुलिसकर्मी पर एक युवक ने हमला कर दिया है. इसके पहले समस्तीपुर (Samastipur) कोर्ट परिसर में 26 अगस्त  को अपराधियों ने हमला कर एक कुख्यात अपराधी को उड़ा दिया.इसी साल मार्च  महीने में  रोहतास जिले में एक सिविल कोर्ट के दो जजों पर देर रात बाइक सवार दो बदमाशों ने हमला कर दिया.बदमाशों ने उनकी कार से नकदी समेत कई जरूरी सामान लूट लिए. मतलब साफ़ है बिहार में कहीं भी कभी भी धायं धायं और ठायं-ठायं हो सकता है.

ऐसे में खाकी: द बिहार चैप्टर वेब सीरीज का टाइटल सॉन्ग ” ठोंक देंगे कट्‌टा कपार में…आइए न हमरा बिहार में” trend करने लगा है.यह गाना 90 के दशक की गोलियों की तड़तड़ाहट की याद दिलाता था लेकिन अब बदले बिहार बदले हालात का अहशास करा रहा है. बिहार के गांव हो या शहर बात-बात में ठांय-ठांय हो रही है. दो महीने में बिहार में 200 से अधिक जगहों पर फायरिंग की घटनाएं सामने आई है.

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