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चिराग पासवान से मोदी को भारी नुकसान या बंपर फायदा?

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सिटी पोस्ट लाइव : प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी  ने चिराग पासवान के एनडीए में वापसी का बड़े गर्मजोशी के साथ स्वागत किया है.उन्हें गले लगा लिया.लेकिन सबसे बड़ा सवाल चिराग के आने से एनडीए को फायदा होनेवाला है या फिर नुकशान? देश में बदलते राजनीतिक समीकरणों पर जनता की राय जानने के लिए 4,029 लोगों के साथ सीवोटर ने एक खास सर्वे किया. सीवोटर सर्वे के अनुसार, 50 प्रतिशत से अधिक उत्तरदाताओं की राय है कि चिराग पासवान की वापसी से भाजपा को मदद मिलेगी.करीब 37 प्रतिशत लोगों को लगता है कि उनकी वापसी से भाजपा को नुकसान होगा. एनडीए का समर्थन करने वाले और विपक्षी दलों के पक्ष में रहने वाले उत्तरदाताओं के बीच एक बड़ा अंतर है.

जबकि एनडीए का समर्थन करने वाले दो तिहाई उत्तरदाताओं को लगता है कि चिराग पासवान से भाजपा को फायदा होगा, विपक्ष का समर्थन करने वाले हर दस उत्तरदाताओं में से चार की भी यही राय है. दरअसल, विपक्षी दलों का समर्थन करने वाले करीब 45 फीसदी उत्तरदाताओं की राय है कि पासवान की वापसी से बीजेपी को नुकसान होगा. लोकसभा सांसद चिराग पासवान दिवंगत राम विलास पासवान के बेटे हैं, जिन्होंने बिहार में लोक जनशक्ति पार्टी की स्थापना की थी. 2019 के लोकसभा चुनाव में, एलजेपी को एनडीए गठबंधन सहयोगी के रूप में चुनाव लड़ने के लिए छह सीटें आवंटित की गईं और उन्होंने सभी छह पर जीत हासिल की.

राम विलास पासवान के निधन के बाद, एलजेपी में दरार आ गई और चिराग पासवान को उनके चाचा पारस पासवान ने पारिवारिक तख्तापलट में एलजेपी के प्रमुख पद से हटा दिया. 18 जुलाई, 2023 को लंबी बातचीत के बाद चिराग पासवान एनडीए में लौट आए. उनका स्वागत खुद पीएम नरेन्द्र मोदी ने उन्हें गले से लगाकर किया. 204 के लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी छोटे क्षेत्रीय दलों के साथ गठबंधन कर रही है. बिहार में, नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली जदयू जो 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान एनडीए में थी, अब राजद और कांग्रेस के सहयोगी के रूप में विपक्षी खेमे में है.

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