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` जाति के ‘चक्रव्यूह’ में फंसे तेजस्वी यादव.

उनकी पार्टी के नेता ने कर दी है अति-पिछड़े को CM बनाने की मांग, तेजस्वी कैसे बनेगें मुख्यमंत्री?

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सिटी पोस्ट लाइव : कास्ट सर्वे रिपोर्ट ने  आरजेडी और जेडीयू दोनों दलों के नेताओं की नींद उड़ा दी है.लालू यादव और नीतीश कुमार भले उत्साह दिखा रहे हों लेकिन उनकी चुनौतियाँ भी बढ़ गई हैं. अब इस मुद्दे पर खुद लालू परिवार ही घिरने लगा है. जाति गणना रिपोर्ट का इस्तेमाल आरजेडी नेता अब तेजस्वी यादव के खिलाफ करने लगे हैं. आरजेडी अति पिछड़ा प्रकोष्ठ अध्यक्ष और एमएलसी रामबली सिंह चंद्रवंशी ने कहा कि एक नंबर की कुर्सी ईबीसी समाज को मिलना चाहिए. रामबली सिंह आबादी को आधार बनाकार दावा किया नंबर वन की कुर्सी उसे मिलना चाहिए, जिसकी संख्या सबसे अधिक है.

 

दरअसल, सीएम इन वेटिंग माने जा रहे तेजस्वी यादव आबीसी वर्ग से आते हैं. जातिगत गणना में ओबीसी की आबादी बिहार में 27.12 फीसदी है.वहीं ईबीसी वर्ग की आबादी 36.01 परसेंट है. आंकड़े सामने आने के बाद सबसे पहले आरजेडी प्रमुख लालू यादव ने ही कहा था कि जिसकी जितनी आबादी, उसकी उतनी हिस्सेदारी. अब आरजेडी एमएलसी इसी बयान के आधार पर नंबर वन की कुर्सी की मांग कर दी है.

 

आरजेडी एमएलसी रामबली सिंह चंद्रवंशी का अति पिछड़ा सीएम की बात करना सियासी तौर तेजस्वी यादव के लिए  खतरे की घंटी है. तेजस्वी यादव की ताजपोशी के लिए खतरनाक संकेत है. बीजेपी रिपोर्ट आने के बाद से ही अति पिछड़ा को सीएम बनाने की मांग कर रही है, क्योंकि बिहार में सबसे अधिक आबादी उनकी ही है. ऐसे में सबसे बड़ा सवाल है कि क्या तेजस्वी यादव अब मुख्यमंत्री नहीं बन पाएंगे?

आरजेडी के विधान परिषद सदस्य रामबाली सिंह चंद्रवंशी ने कहा कि अगर कास्ट सर्वे रिपोर्ट की माने तो ईबीसी सबसे बड़ा वर्ग है. ऐसे में अब अति पिछड़ा को सत्ता की बात होनी चाहिए. एक नंबर की कुर्सी अति पिछड़ा वर्ग को ही मिलना चाहिए. हालांकि उन्होंन सीएम की कुर्सी का नाम नहीं लिया. लेकिन समझा जा सकता है कि उनका इशारा किस कुर्सी पर है.रामबली सिंह चंद्रवंशी ने कहा कि अब अति पिछड़ा वर्ग जग गया है. हर जिले, हर कस्बे, हर पंचायात में अति पिछड़ा वर्ग के लोग समझदार हो गए हैं. अपना हक लेना जानते हैं. नाइंसाफी और हकमारी को भी समझने लगे हैं. आरजेडी एमएलसी ने कहा कि अगर जातीय गणना सही है तो राज्य सरकार को वार्ड वाइज सूची जारी करना चाहिए.

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