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बिहार में NDA के घटक दलों में सीट बंटवारे का फॉर्म्युला तय.

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सिटी पोस्ट लाइव : बीजेपी की नजर बिहार की सभी  40 सीटों पर लगी हुई है.सियासी जानकारों के मुताबिक बीजेपी की ओर से बिहार की कई सीटों को लेकर एक इंटरनल सर्वे कराया गया था. उस सर्वे के रिपोर्ट काफी निराशाजनक थे. उस सर्वे में ये पाया गया कि 2019 में जेडीयू के हिस्से गई कई सीटों पर बीजेपी का स्पष्ट जनाधार नहीं है. उन सीटों पर एनडीए को मात खानी पड़ सकती है. मार्च 2023 तक अमित शाह चार बार बिहार का दौरा कर चुके हैं. सर्वे का असर ये हुआ कि पार्टी की ओर से अपने घटक दलों पर ध्यान देना शुरू कर दिया गया है.

 अमित शाह से लेकर जेपी नड्डा तक ने बिहार में अपने सहयोगियों को अभी से समझाना शुरू कर दिया है. बिहार की 40 सीटों पर कैसे कब्जा करना है. सूत्रों की मानें तो हाल के दिनों में बिहार एनडीए में शामिल घटक दलों के लिए बीजेपी ने सीट शेयरिंग का फॉर्म्युला भी तय कर लिया है. कहा जा रहा है कि बीजेपी की ओर से सब कुछ फिक्स कर दिया गया है. उसी राह पर एनडीए के सभी घटक दलों को चलने को कहा जाएगा.

एनडीए के साथ होने वाले घटक दल जेडीयू जितने मजबूत नहीं हैं. उन्हें उतनी सीटें बीजेपी नहीं दे सकती है. कुल मिलाकर सहयोगियों को बीजेपी 8 सीटों पर निबतानेवाली है. बाकी सीटों पर बीजेपी को खुद लड़ाई लड़नी होगी. अंदर ही अंदर बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व ने सीटों का गणित तय कर दिया है. उसी आधार पर सीटों का बंटवारा होगा.एनडीए के मुख्य घटक दलों में उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी, चिराग पासवान, पशुपति कुमार पारस और जीतन राम मांझी की पार्टी शामिल है. जानकारी के मुताबिक चिराग और पशुपति पारस को पिछली बार की तरह 6 सीटें दी जाएंगी जिसमें से पारस और चिराग तीन-तीन सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े करेंगे. जीतन राम मांझी की पार्टी दो सीटों से ज्यादा की मांग रखेगी लेकिन उन्हें एक सीट देने की बात तय की जा रही है.उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी को 2 सीटें देने की बात कही जा रही है.

 बीजेपी किसी भी सहयोगी को अपने से नाराज नहीं करेगी. सबको उनकी उचित हिस्सेदारी देने की प्लानिंग की गई है. सियासी गलियारों में ये भी चर्चा है कि आरसीपी सिंह के जरिए जेडीयू में सेंध लगाने के लिए बीजेपी की ओर से प्रयास जारी है. जेडीयू के कई सांसद पाला बदलने की तैयारी में लगे हुए हैं. ये सांसद लगातार बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व के संपर्क में हैं. सूत्रों के अनुसार  आरसीपी सिंह के वफादार सांसद बहुत जल्द पार्टी छोड़ देंगे. जैसे ही लोकसभा चुनाव नजदीक आएगा, जेडीयू में टूट की संभावना बढ़ जाएगी. कई सांसद पहले से बीजेपी में जाने का मन बना चुके हैं.

 आरसीपी सिंह लगातार इसके लिए फील्डिंग कर रहे हैं.चर्चा है कि बीजेपी अपने मौजूदा सांसदों में से कईयों का टिकट काट सकती है. जेडीयू से आने वाले सांसदों को उन्हीं सीटों पर मैनेज किया जाएगा. जानकारों की मानें तो हाल में निजी चैनलों के सर्वे में बताया गया कि बिहार में एनडीए को 14 सीटें मिलती दिख रही हैं. महागठबंधन यानी ‘इंडिया’ गठबंधन को 26 सीटें मिलेंगी. ये आंकड़ा बीजेपी की चिंता बढ़ा सकता है. कई सर्वे में कहा जा रहा है कि एनडीए को 306 सीटें मिलेंगी. सरकार मोदी की ही बनेगी.

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