सदन के अंदर स्मार्ट प्रीपेड मीटर तो बाहर रोजगार पर को लेकर बवाल.

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सिटी पोस्ट लाइव : बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र के आखिरी दिन भी भागलपुर के विधायक अजीत शर्मा ने स्मार्ट प्रीपेड मीटर के मसला उठाया जिस पर विपक्षी विधायकों ने वेल में जाकर स्मार्ट प्रीपेड मीटर के खिलाफ नारेबाजी की. सदन के बाहर भी रोजगार और भूमि सर्वे सहित कई मुद्दों को लेकर विधायकों ने विरोध प्रदर्शन किया.विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान ख्रूब हंगामा हुआ. वहीं सदन के बाहर राजद ने युवाओं को नौकरी देने में तेजस्वी को अव्वल बताया और कहा कि नौकरी मतलब तेजस्वी यादव, तेजस्वी यादव मतलब नौकरी. वहीं वाम दलों के नेताओं ने जमीन सर्वे का विरोध किया और सर्वे रोक भूमिहीनों को जमीन देने की मांग उठाई.

 

बिहार विधान मंडल के अंतिम दिन सदन में विधायी कार्य शुरू होने के पूर्व विपक्ष  ने सरकार के खिलाफ सदन के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया.आरजेडी के विधायक  सुबह से ही विधानसभा पोर्टिकों में खड़ा होकर प्रदर्शन करने लगे. बिहार लोक सेवा आयोग की परीक्षा में सभी को समान अवसर देने की मांग उठाई. इन नेताओं ने दावा किया कि तेजस्वी के सरकार में रहने के दौरान सर्वाधिक नौकरियां दी गई.नेताओं ने कहा कि बिहार के युवा नौकरी रोजगार के लिए तेजस्वी यादव की ओर देख रहा है.

 

वाम दल के नेताओं ने राज्य सरकार द्वारा कराए जा रहे हैं भूमि सर्वे का विरोध किया और सरकार विरोधी नारे लगाए.नेताओं के हाथों में सर्वे का विरोध करती तख्तियां भी थी. इन नेताओं की मांग है कि राज्य के भूमिहीन परिवारों को सरकार अविलंब जमीन उपलब्ध कराए। नेताओं ने कहा कि जो जहां बसे उसे वहीं जमीन मुहैया कराई जाए.उनका कहना था कि सबसे पहले इस बात का सर्वे होना चाहिए कि बिहार के कितने गरीब लोग सरकारी जमीन पर रह रहे हैं.उन्हें परचा देने की सबसे पहले व्यवस्था हो फिर भूमि सर्वेक्षण हो.

 

स्मार्ट प्रीपेड मीटर के सवाल पर विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान ख्रूब हंगामा हुआ.विपक्ष ने विधानसभा अध्यक्ष के आसन के सामने (वेल) पहुंचकर खूब नारेबाजी की. विधानसभा अध्यक्ष ने प्रश्नकाल के बीच में ही सदन की कार्रवाई को भोजनावकाश तक के लिए स्थगित कर दिया. इस वजह से प्रश्नकाल तो अधूरा रहा ही, साथ में शून्यकाल और ध्यानाकर्षण की सूचनाएं भी पढ़ी नहीं जा सकी.भागलपुर के विधायक अजीत शर्मा ने कहा कि नवंबर 2023, मई 2024 और अक्टूबर 2024 में प्रीपेड मीटर का सर्वर फेल हो गया. इस कारण उपभोक्ताओं को अपनी बिजली खपत का पता नहीं चला. परिणाम यह हुआ कि उपभोक्ताओं को एकमुश्त भारी भरकम राशि बिजली मद में चुकानी पड़ी. सभी मीटर टेस्टेड नहीं रहते हैं. सैंपल टेस्ट के आधार पर स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाया जाता है. इस कारण सर्वर से कनेक्शन फेल होने की समस्या आ रही है.

 

ऊर्जा मंत्री ने कहा कि जब इधर थे (सरकार में) तो स्मार्ट मीटर खराब नहीं था और जब उधर (विपक्ष में) चले गए हैं तो ज्ञान आ रहा है. उन्होंने कहा कि लिखकर दीजिए कि कौन से मीटर में खराबी है. हम उसकी जांच करा लेंगे.। इस पर कई सदस्यों ने स्मार्ट मीटर की गड़बड़ी पर बोलने की इजाजत चाही और फिर वेल में जाकर स्मार्ट प्रीपेड मीटर के खिलाफ नारेबाजी करने लगे.

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