पहली बार सदन में एकसाथ नजर आये 3 पूर्व अध्यक्ष.
बिहार विधानसभा में बन रहे कई रिकॉर्ड, खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कैसे ली चुटकी ?
सिटी पोस्ट लाइव :मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने तो नविन बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने का रिकॉर्ड तो बनाया ही है साथ ही बिहार विधानसभा में भी कई रिकॉर्ड बन रहे हैं. विधानसभा के एक कार्यकाल में मुख्यमंत्री का तीन बार शपथ ग्रहण का रिकॉर्ड बन चुका है. बृहस्पतिवार को विधानसभा अध्यक्ष के आसन पर भाज के नंद किशोर यादव के बैठते ही दूसरा रिकॉर्ड बन गया.
यह है पांच वर्ष की अवधि पूर्ण होने से पहले तीन अध्यक्ष. तीसरा- अब सदन की कार्यवाही के समय एकसाथ तीन पूर्व विधानसभा अध्यक्ष नजर आ रहे हैं. 12 फरवरी को अपदस्थ हुए RJD के अवध बिहारी चौधरी के अलावा उप मुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा और जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी भी इसी अवधि में विधानसभा के अध्यक्ष रह चुके हैं.गुरुवार को ये तीनो अध्यक्ष एकसाथ नजर आये. खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस पर चुटकी ली.
कार्यकाल के लिहाज से विधानसभा अध्यक्ष का सबसे लंबा कार्यकाल विंदेश्वरी प्रसाद वर्मा का रहा. वे 25 अप्रैल 1946 से 14 मार्च 1962 तक अध्यक्ष रहे. उन्हें आजादी से पहले और बाद का मिलाकर करीब 16 साल का कार्यकाल मिला.दूसरे नंबर पर हैं उदय नारायण चौधरी. ये दो कार्यकाल- 30 नवंबर 2005 से 28 नवंबर 2015 तक अध्यक्ष रहे. आजादी के पहले रामदयालु सिंह का कार्यकाल सात साल 111 दिन का था.ये 23 जुलाई 1937 से 11 नवंबर 1944 तक अध्यक्ष थे. नौवीं विधानसभा (1985-90) की कार्यावधि में भी दो अध्यक्ष हुए. पहले शिवचंद्र झा और दूसरे मो. हिदायतुल्लाह खान.खान का कार्यकाल महज एक साल का रहा. अबतक के विस अध्यक्षों में सबसे छोटा कार्यकाल इन्हीं का था. कम कार्यकाल वाले अध्यक्षों में अवध बिहारी चौधरी दूसरे नंबर पर हैं. ये एक साल 170 दिनों तक अध्यक्ष रहे.
17वीं विधानसभा की कुछ और विशेषताएं हैं. इसमें पहली बार दो उप मुख्यमंत्री बैठ रहे हैं. एक पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी भी हैं.इससे पहले भी कई पूर्व मुख्यमंत्री सदन में मौजूद रहे हैं. लेकिन पहलीबार विधान सभा में अध्यक्ष के साथ साथ तीन तीन पूर्व विधान सभा अध्यक्ष एकसाथ बैठे नजर आये.
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