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उत्तर बिहार में बाढ़ जैसे हालत, घरों में कैद हुए लोग.

नेपाल में बारिश से सुपौल के 120, बेतिया के 15 गांवों में घुसा पानी, सहरसा में नाव के सहारे लोग.

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सिटी पोस्ट लाइव : उत्तर बिहार में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं. सुपौल के 120 गांवों के 800 घरों में बाढ़ का पानी घुस चुका है. बेतिया और बगहा में  भी  इसी तरह के हालात हैं. सहरसा के कई गांवों में तो पूरी तरह से पानी घुस  चुका है. लोग नाव के सहारे एक जगह से दूसरी जगह पर जा रहे हैं.सुपौल में कोसी बराज से सोमवार की सुबह 6 बजे 2 लाख 53 हजार 910 क्यूसेक पानी डिस्चार्ज किया गया है. कोसी के बढ़ते जलस्तर से अब भी तटबंध के अंदर रहने वाले लोगों की मुश्किलें बढ़ी हुईं है. रविवार को जिले के पांच प्रखंडों के 120 गांव में बसने वाले 6 हजार घरों में बाढ़ का पानी घुस गया.

बेतिया में गंडक नदी उफान पर है. बाढ़ का पानी 15 गांवों के 800 घरों में घुस गया है. गांवों को जोड़ने वाले सड़कें डूब और टूट चुकी हैं. इसे दुरुस्त करने का काम शुरू किया गया है. नेपाल के तराई इलाके में लगातार हो रही है. बारिश के कारण पहाड़ी नदियों के जलस्तर बढ़ने से शनिवार की रात नरकटियागंज अनुमंडल के गौनाहा, लौरिया, नरकटियागंज, सिकटा, मैनाटांड़ आदि प्रखंडों के करीब 800 घरों में पानी घुस गया। यहां अब भी पानी भरा हुआ है.

सहरसा में कोसी नदी का जलस्तर बढ़ने लगा है. महिषी प्रखंड और नवहट्टा प्रखंड के 12 गांव की मुख्य सड़क पर पानी भर जाने से लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. कहीं-कहीं 4 से 5 फीट तक पानी तेज धार के साथ सड़क पर बह रहा है. जिला मुख्यालय और प्रखंड मुख्यालय से लोगों का संपर्क पुरी तरह से खत्म हो गया है.गांव में फंसे लोगों को कोई प्रशासनिक मदद नहीं मिल पा रही है.

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