आनंद मोहन और चिराग पासवान के बीच तीखी हुई लड़ाई, एक-दूसरे पर बोला हमला

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पटना: बिहार के पूर्व बाहुबली सांसद आनंद मोहन और लोजपा (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान के बीच की लड़ाई तेज़ हो गई है। दोनों ने अब एक-दूसरे को चेतावनी तक देनी शुरू कर दी है। बता दें कि आनंद मोहन ने चिराग पासवान पर सवाल उठाकर इस विवाद की शुरुआत की थी। आनंद मोहन ने एनडीए में चिराग पासवान की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए। वहीं, चिराग पासवान ने भी उन पर जोरदार पलटवार किया है।

आनंद मोहन ने बिहार उपचुनाव में केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान की भूमिका पर हमला बोलते हुए उन पर एनडीए के साथ धोखा देने का आरोप लगाया। आनंद मोहन ने सोशल मीडिया पर फेसबुक पोस्ट करके चिराग से सवाल किया कि चिराग इमामगंज सीट पर प्रचार करने क्यों नहीं गए थे। उन्होंने चिराग से एनडीए में उनकी स्थिति स्पष्ट करने की अपील की। आनंद मोहन के बेटे और शिवहर विधायक चेतन आनंद ने भी इस मामले में कूदते हुए चिराग पासवान से मर्द की तरह व्यवहार करने की बात तक कह दी। उन्होंने कहा कि इधर-उधर न करें। चेतन आनंद ने चिराग पासवान पर जन सुराज और प्रशांत किशोर से कनेक्शन होने का गंभीर आरोप लगाया।

बिहार उपचुनाव में एनडीए ने सभी चार सीटों पर जीत दर्ज की है, जिससे आनंद मोहन उत्साहित हैं। हालांकि, उन्होंने इस दौरान चिराग पासवान की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए। आनंद मोहन ने कहा कि चिराग पासवान अपने सहयोगी जीतन राम मांझी की बहू के लिए इमामगंज सीट पर वोट मांगने क्यों नहीं गए। वहीं, चेतन आनंद ने चिराग पासवान को याद दिलाया कि उनके पिता और आनंद मोहन के पिता के बीच अच्छे संबंध थे, जिन्हें चिराग को याद रखना चाहिए।

चेतन आनंद ने कहा कि मेरे पिताजी ने जो सवाल उठाया है, वह गठबंधन में रहते हुए उन्होंने उचित समझा। आप पिक एंड चूज़ की पॉलिसी मत अपनाइए। उन्होंने चिराग से यह भी कहा कि जब उनकी मां चुनावी मैदान में थी, तब चिराग ने गठबंधन धर्म का पालन क्यों नहीं किया था।

इस पर अब चिराग पासवान ने पलटवार करते हुए आनंद मोहन से पूछा कि वे किस संगीन आरोप में जेल गए थे। चिराग ने कहा कि उनके ऊपर लगे आरोपों के कारण ही आनंद मोहन सक्रिय राजनीति में नहीं हैं और यह भी कि वे हमारे मुख्यमंत्री की कृपा से जेल से बाहर आए हैं। चिराग ने यह भी कहा कि उनके परिवार के सदस्य सक्रिय राजनीति में हैं और भविष्य में चुनाव भी लड़ेंगे, इसलिए पासवान समाज पर उंगली उठाना ठीक नहीं है।

 

 

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