सिटी पोस्ट लाइव :आज शुक्रवार से सूर्योपासना का महापर्व कार्तिक छठ का चार दिवसीय अनुष्ठान नहाय-खाय के अनुष्ठान के साथ शुरू हो चूका है. पहले दिन लाखों की संख्या में छठ व्रती गंगा स्नान करने पहुंचे हैं.शनिवार को लोहंडा खरना पर पूरे दिन उपवास कर शाम में सूर्य देव की पूजा कर प्रसाद ग्रहण करेंगे. 19 नवंबर रविवार की शाम डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा. सोमवार को उगते सूर्य को अर्घ्य देकर आयु-आरोग्यता, यश, संपदा का आशीष लेते हुए पर्व का समापन होगा. खरना कार्तिक शुक्ल पंचमी तिथि शनिवार को सर्वार्थ सिद्ध योग में होगा. व्रत का समापन धनिष्ठा नक्षत्र में होगा.
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, छठ पर्व में सूर्योपासना से छठी माता प्रसन्न होती हैं. परिवार में सुख, शांति व धन-धान्य से परिपूर्ण करती हैं. सूर्य देव के प्रिय तिथि पर पूजा, अनुष्ठान करने से अभीष्ट फल की प्राप्ति होती है. इनकी उपासना से रोग, कष्ट, शत्रु का नाश, सौभाग्य की प्राप्ति होती है.धृति योग, जयद योग व रवि योग में व्रती नहाय-खाय करेंगे. इस दिन गंगा में स्नान कर पवित्रता से तैयार प्रसाद स्वरूप अरवा चावल, चना दाल, कद्दू की सब्जी, आंवला की चटनी ग्रहण कर अनुष्ठान आरंभ करेंगे. इस दिन गेहूं को गंगाजल से धोने के बाद सूखाया जाएगा। गेहूं में कोई पक्षी, कीड़े का स्पर्श न हो, इसके लिए व्रती व स्वजन पारंपरिक गीत गाते हुए रखवाली करेंगे.